धर्म डेस्क : माघ शुक्ल की पंचमी तिथि बसंत पंचमी से बसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है. यह बसंतोत्सव फिर होली तक चलता है. बसंत पंचमी के दिन विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. पुराणों में लिखा गया है कि, इस दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इस दिन किसी भी नए कार्य को शुरू करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन पीले और सफ़ेद वस्त्रों को धारण करने का महत्व बताय गया है. साथ ही इस दिन कुछ चीज़ों का दान करना सख्त मना भी होता है.
जैसा की कहा गया है कि, इस दिन सफ़ेद या फिर पीले वस्त्र पहनने से काफी लाभ होता है, तो इस दिन किसी को भी इन दोनों रंगों के वस्त्र दान में नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से आपका भाग्य दूरसे व्यक्ति को चला जाएगा. इसके साथ ही इस दिन आप गलती से भी मास-मदिरा का सेवन ना करें, इस दिन केवल सात्विक भोजन किया जाता है. मां सरस्वती को आप इस दिन काले के अलावा किसी भी रंग का कलम अर्पित करें.
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल 16 फरवरी, मंगलवार के दिन यह पर्व मनाया जाएगा. इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी. 16 फरवरी को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लग रही हैं जो 17 फरवरी को सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगी.तिथि दो दिन की है लेकिन बसंत पंचमी को 16 तारिख को ही मनाया जाएगा.