धर्म : माघ मास की अमावस्या यानी की मौनी अमावस्या गुरूवार 11 फरवरी को पड़ रही है. हिन्दू धर्म में इस अमावस्या को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था, इसी वजह से इस अमावस्या का नाम मौनी अमावस्या पड़ गया. इस अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत रखने का अधिक महत्त्व बताया जाता है. इस अमावस्या के दिन दान का भी काफी महत्त्व होता है.
ऐसी मान्यता है कि अगर इस अमावस्या पर मौन रहें तो इससे अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है. ग्रह दोष दूर करने के लिए भी ये अमावस्या खास मानी गई है. इस बार मौनी अमावस्या 10 फरवरी 2021 को 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. कहा जाता है कि इस दिन गंगाजल अमृत हो जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने का महत्त्व है.
इन चींजो का दान करने से मिलेगा लाभ
ऐसा कहा जाता है कि, मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद सफ़ेद कपडे धारण कर तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वूर्ण और दूध देने वाली गाय का दान करना ज्यादा फलदायी रहेगा. साथ ही इस दिन मौन रहकर व्रत रखें. भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर में पीले फूल, केसर, चंदन, घी का दीपक और प्रसाद के साथ पूजन करें, आपकी हर बाधा दूर होगी.