मध्यप्रदेश में सियासी भूचाल अपने चरम पर है. अब तक सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के बीच कांग्रेस झूल रही थी. हर खेल में एक टर्म होता है चकमा देना. सियासत के खेल में ये शब्द इस्तेमाल नहीं होता लेकिन इसकी गुंजाइश हमेशा बनी रहती है. पिछले दिनों का घटनाक्रम देखकर यही लगता है कि निर्दलीय विधायकों में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को उलझा कर बीजेपी चकमा ही दे रही थी. क्योंकि असल खेल तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ चल रहा था.
खबरें हैं कि सिंधिया समर्थित छह मंत्रियों सहित 17 विधायक गायब हैं. जो बैंगलुरू के एक रिसोर्ट में होना बताए जा रहे हैं. इन छह मंत्रियों में इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी होना बताए जा रहे हैं. इसके अलावा 11 विधायक भी बैंगलुरू में हैं. इसके बाद प्रदेश के सियासी हालात तेजी से बदले. सीएम कमलनाथ दिल्ली तक होकर आए. भोपाल पहुंचते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस लेने का ऐलान कर दिया. मंत्री गोविंद सिंह को हैलिकॉप्टर से तत्काल भोपाल बुलवाए गए. और खबरें आईं कि सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है.
सियासी हलकों में जुमला उछल रहा है कि बीजेपी होली पर ही दिवाली मनाने की तैयारी में है. अब सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है ये देखना दिलचस्प होगा.